कोरोना महामारी: चुनौतियों को अवसर में बदलें

(निम्न सन्देश व्हाट्सअप पर खूब चल पड़ा है | इस बार यह सन्देश कार्यरत मजदूरों के चित्र के साथ है, जिससे समाचार की विश्वसनीयता बढ़ जाती है | इस घटना का सत्यापन हम नहीं कर सके, परन्तु सम्बंधित प्रेरणात्मक, सन्देश प्रशंनीय एवं अनुकरणीय है |)

 राजस्थान के सीकर में एक गांव के प्राथमिक स्कूल में मजदूरों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया था |

 उन मजदूरों ने देखा कि दो दशकों से स्कूल की पेंटिंग नहीं हुई है, साफ सफाई नहीं हुई है| | तब उन मजदूरों ने सरपंच के सामने पेंटिंग करने का प्रस्ताव रखा |

 तुरंत ही पेंट, चूना, ब्रश इत्यादि का इंतजाम हुआ और उन मजदूरों ने अपने क्वॉरेंटाइन के दौरान पूरे स्कूल की शक्ल सूरत बदल दी |

 और इसके लिए उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया बल्कि सरपंच से कहा कि हम यहां पर हैं मुफ्त में खा रहे हैं, तब हमारा फर्ज है कि हम कुछ न कुछ इस स्कूल को दें |

 Quarantined Workers at Work

 नैतिक सन्देश: दूसरी ओर कुछ लोग सामाजिक-दूरी और लॉकडाउन के निर्देशों का उल्लंघन के साथ कोरोना-जाँबाजों से अभद्र व्यवहार  या उन पर हमला करने व उसका औचित्य ठहराने में शौर्य का अनुभव कर रहे हैं, जो कि इस गंभीर वैश्विक विपदा के समय सर्वथा निंदनीय है | उन मजदूरों की सोच प्रंशसनीय और इनकी   जिम्मेदारी का बोध अनुकरणीय है | साथ ही उस गांव के सरपंच, शाला प्रधान और कर्मचारियों का आगे बढ़कर श्रमिकों को आवश्यक सुविधा प्रदान कर प्रोत्साहित करना भी प्रशंसनीय है |

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