जीवन चित्रकार
विशाल सरीन
कुछ रिश्ते साथ हों तो जिंदगी, जिंदगी लगती है। दुनिया की परवाह नहीं होती, कुछ भी मुश्किल नहीं लगता। ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे में बहुत ताकत है। अकसर यह एहसास दूर रहने पर और भी ज्यादा होता है। इस विषय पर लिखने के लिए कलम में बहुत ताकत होनी चाहिए, क्योंकि पूरी कायनात के लिए लिखना बहुत कठिन है। इस अदना कोशिश में किसी भी गलती के लिए क्षमा याचक हूं।
बचपन से लड़कपन की शरारतें, लाड़ प्यार, डांट का नामोनिशान नहीं परन्तु सीमाओं का बखान भरपूर था। समय इतना दिया गया कि भरपूर आनंद माना। खिलौनों के साथ-साथ व्यक्तिगत समय खूब मिला जिससे वास्तविकता से प्यार बढ़ता गया। हर तरह के खेल से जागरूक करवाया, पढ़ाई और अन्य जरूरतों की अहमियत समझाते हुए सारी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई।
जवानी का समय भी मस्त निकला। साथ में खेलना, खाना-पीना जैसे किसी और दोस्त अथवा साथी की कमी ही नहीं लगी। किसी भी जरूरत के विषय पर बात करने पर उसको कैसे भी पूरा किया गया। साथ में उसके बारे में जानकारी भी मिलती थी कि मेहनत लगी है उसकी प्राप्ति के लिए, ताकि किसी भी चीज का उपयुक्त प्रयोग किया जाए। अपने बच्चों को ख़ुशी देने के लिए पिता क्या कर सकता है इसकी कोई सीमा नहीं। बच्चे की कोई मांग पूरी करने के लिए पिता को अपनी ज़िन्दगी की कीमत भी बहुत कम लगती है। ज़िन्दगी की किसी भी समस्या का समाधान पिता के पास है। बच्चों की गलती का अंजाम अपने ऊपर लेता है, परन्तु साथ में उसके परिणाम से परिचित भी करवाता है और हर तरह की बुरी हवा से बचाता है।
परिवार में रहते हुए बहुत सारी चीजों का अनुभव नहीं होता। लेकिन परिवार से दूर होने पर सब कुछ देखना पड़ता है और पता लगता है कि किन-किन मुश्किलों का सामना करके पिता अपने परिवार को पालता है। फिर भी अपने चेहरे पर शिकन नहीं आने देता। जिंदगी के हर पल में ऐसी सोच आ जाती है जहां कुछ ना कुछ कायनात के नायाब तोहफे, इस रिश्ते से संबंधित होता है। फिर वही सोच हमारा मार्गदर्शन करती है। अपनी सेहत की चिन्ता किए बिना हमें बोला जाता है “तुम लोग आराम करो, मैं यह काम कर लूंगा”। वह एक एहसास, ताक़त, छाया, मार्गदर्शन, ज्ञान, प्यार सब कुछ है।
कोई कहीं भी रहे, कितना भी सुखी हो, पर पिता की याद साथ ही रहती है। बहुत किस्मत वाले हैं वह बच्चे जिनके सिर पर पिता का साया होता है और उनको अपने पिता के साथ रहने का नसीब प्राप्त होता है। जिसके साथ पिता की दुआएं और आशीर्वाद होता है परमात्मा उसके अंग संग रहता है।
There is no heaven or hell after death, it’s there right away,
Just get the blessings of your Parents, to walk on the heaven way!!
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