Limited Resources & Continuous Efforts

विशाल सरीन 

नए साल की शुरुआत हो चुकी है। उम्मीद है कि सभी ने इस साल के लिए कुछ संकल्प लिए होंगे और इसको निभाने के लिए के पूर्ण रूप से प्रयास किए जाएंगे। अकसर, साल के कुछ शुरुआती दिनों में संकल्प को निभाने के लिए भरसक प्रयत्न किए जाते हैं। परंतु जैसे-जैसे साल के दिन गुजरते हैं, कुछ अन्य गतिविधियाँ प्राथमिकता ले लेती है और हम संकल्प को टालते हुए भूलने की कगार पर ले आते हैं।

आज की तारीख में कुछ विद्यार्थी बहुत भ्रमित है कि आखिर किस विषय की पढ़ाई की जाए, जिससे जल्दी से अच्छी नौकरी मिल जाए। पढ़ाई भी तो बहुत महंगी हो गई है। सामान्य आमदनी वाला परिवार तो कालेज में पढ़ाई को सपना समझने लगा है। अगर सरकारी कालेज में दाखिला मिल गया तो ठीक, अथवा कुछ छोटी-मोटी नौकरी करना बेहतर समझता है। वहीं कुछ परिवार किसी तरह पढ़ाई के खर्चे का इंतजाम करते हैं तो उनके बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। ऐसे समय में परिवार की आमदनी का खर्चा पढ़ाई पर करना बुद्धिमानी नहीं है। वही धन दूसरे बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए अथवा कुछ व्यापार करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। पारिवारिक सोच यह भी रहती है कि आने वाले समय में बच्चों की शादी भी करनी है तो थोड़ा पैसा बचा कर रखना चाहिए।

परंतु ऐसे हालात आज के समय की देन नहीं है। अगर कुछ वर्षों पहले का सोचा जाए, तब भी लोग सोचते थे कि कौन सी डिग्री सबसे बढ़िया रहेगी। किस कालेज में पढ़ने से नौकरी जल्दी मिलेगी। परंतु साथ में साधन भी सीमित थे, चाहे मां बाप ने कभी किसी चीज के लिए मना नहीं किया था और अगर अपने बड़ों से बात करें तो उनके समय भी करीब-करीब ऐसा ही प्रतीत होता। सोचने की बात है कि जिन लोगों की रुचि पढ़ाई करने में है, और साधन कम है तो आजकल ऑनलाइन डिग्री का बहुत प्रचलन है। घर पर बैठे हुए अपने समय के अनुसार पढ़ाई की जा सकती है। साथ में कोई नौकरी करके उसका खर्चा भी निकाला जा सकता है। नए वक्त ने नई सोच को जन्म दिया है।

वहीं अगर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो माता-पिता से बात करके उसी पैसे का इस्तेमाल कर कुछ काम धंधा किया जा सकता है। जिससे माता-पिता बच्चों से कोई झूठी उम्मीद ना रखे और बच्चों पर भी कोई अवांछित दबाव नहीं हो। अगर कुछ साल पढ़ाई करने के बाद माता-पिता को ऐसा अनुमान लगे कि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता तो उनको दुख होता है। साथ ही उनकी मेहनत की कमाई भी व्यर्थ जाती है।

ऐसे मेहनती बच्चे भी हैं जो साधन कम होने पर भी इतनी लगन से पढ़ाई करते हैं कि स्कूल / कालेज / यूनिवर्सिटी उनको छात्रवृति देती है। जिससे बच्चे अपनी मेहनत के बल पर अच्छी पढ़ाई कर बढ़िया नौकरी अथवा व्यापार की तरफ अग्रसर होते हैं। ऐसे विलक्षण बच्चों की दुनिया में कमी नहीं है। कभी-कभी आपको खुद को पता नहीं लगता कि आप कितने इंटेलिजेंट है। निरंतर प्रयास आपको सफलता की तरफ लेकर जाते हैं। जिससे आप, अपनों और दूसरों के लिए मिसाल बन जाते हैं। कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है।

प्रयत्न करना मत छोड़ो, और ऐसा मत सोचो कि मैं तो यह कर ही नहीं सकता। बल्कि सकारात्मक लोगों की संगति में रहते हुए, सफल लोगों को स्टडी करते हुए आगे बढ़ते रहो। अगर एक छोटी सी चींटी अथक प्रयास करते हुए अपनी मंजिल को पा लेती है, एक मकड़ी थोड़ा-थोड़ा करते इतना गहन जाल बना लेती है, तो फिर हमारे में क्या कमी है।

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट्स, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, फाइनेंस एक्सपर्ट्स, डाटा मैनेजमेंट एंड एनालिस्ट, कंस्ट्रक्शन एक्सपर्ट्स, टीचर्स, मार्केटिंग मैनेजर, रोबोटिक्स इत्यादि अध्ययन के कुछ अच्छे विकल्प है। अपने दिलचस्पी के अनुसार कैसी भी स्टडी करें, परंतु आने वाले समय के लिए थोड़ा टेक्निकल नॉलेज जरूर रखें। जैसे कंप्यूटर, ईमेल, सोशल मीडिया इत्यादि। सोशल मीडिया में भी आप ऐसे लोगों के साथ संपर्क कर सकते हैं जो आपके साथ नॉलेज शेयर करें। ऐसे लोग आपको मार्गदर्शन के साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते है।

समीर लाल का कहा हमेशा याद रखें – ‘Mentor is mandatory – it is not optional in your success journey’

अभी आप निर्णय ले सकते हैं कि आपकी रुचि किस विषय में है। बिना किसी देरी के उसके बारे में इंफॉर्मेशन इकट्ठी करो, उससे रिलेटेड लोगों से संपर्क करो, उन्हें अपना मेंटर बनाओ और बढ़ो अपनी मंजिल की तरफ। रास्ते में कुछ मुश्किलें आती हैं तो डटकर सामना करो। उसके बिना दुनिया में मिसाल नहीं बनती। जब हम इन मुश्किलों का सामना कर आगे बढ़ते हैं, तो यही अचीवमेंट हमारी याद बन जाते हैँ।  फेल होने का मतलब कि अभी सीखना बाकी है। उनको पाने के लिए बढ़ाते रहो कदम। रास्ते में कोई मिले तो उसको साथ लेते हुए अपना कारवां बना लो।

Failures are milestones in the path of success as long as you take it as lesson learned. Keep failing and keep learning and be a better yourself on the path of success.’ -Sameer Lal ‘Sameer’

आमीन!!

 

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