ऑनलाइन शिक्षा की वर्तमान युग में प्रासंगिकता

सौ अमृता अभिजीत देशपांडे 

 

ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान युग में अत्यंत आवश्यक है यह बात कोरोना काल में सिद्ध हो चुकी है। प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना वायरस के कारण दुनिया में उत्पन्न संकटों के विषय में जानकारी है। इसके चलते शिक्षा प्रणाली, औद्योगिक प्रणाली एवं समस्त कार्य प्रणाली का विकास रूक चुका है। इस स्थिति में छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक वरदान के रूप में उभर कर आई है। इसके माध्यम से तमाम छात्रों की अपनी पढ़ाई में सहायता मिली है कोरोना वायरस स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के अपरिहार्य होने और इसके  महत्व को कुशलता से समझने का अवसर मिला 

ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था में अनेक नुकसान होते हुए भी इसकी कमी को सुधारने का प्रयास IOMS (Interactive Online Mention Session) द्वारा किया जा रहा है तथा इस व्यवस्था को हर छात्र तक पहुंचाने का लक्ष्य तैयार किया जा रहा है।

आज की वर्तमान स्थिति में बच्चे उनकी स्वस्थ्य सुरक्षा की चिंता के कारण  स्कूल में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे है । अपितु, IOMS ने शिक्षा का रास्ता काफी आसान कर दिया है ।  ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को दिलचस्प बनाने के लिए IOMS प्रयास में हर एक शिक्षक यथासंभव न्यूनतम मूल्य के बेहतरीन उपकरण का इस्तेमाल करता है, ताकि बच्चों को सीखने में आसानी हो। कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम इस  प्रयास  किया जा रहा है।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे इस उपक्रम का बहुत ज्यादा लाभ ले रहे है। छात्रों को अलग-अलग शिक्षकों से पढ़ाई में मदद मिल रही है। पढ़ाई के साथ उन्होंने छुपी हुई प्रतिभा भी खिलकर बाहर आ रही है। यह निशुल्क ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करने का एकमात्र उद्देश्य है कि शिक्षा से कोई भी छात्र वंचित ना रहे यह एक नए प्रकार की शिक्षा है जिसके लिए हर एक शिक्षक स्वयंसेवी एवं निःस्वार्थ भाव से  बड़ी मेहनत से प्रयास कर रहा है।

शिक्षा व्यवस्था में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण घटक शिक्षक है। इस व्यवस्था  के द्वारा सभी शिक्षक विद्यार्थियों के प्रभावशीलता और सफलता के लिए प्रयास कर रहे हैं 

आदर्श मानव की समाज की स्थापना के लिए समाज में के ही माननीय व्यक्ति का आगे बढ़कर शालेय-व्यवस्था से सहयोग करते हुए  आर्थिक स्थिति कमजोर छात्रों की पढ़ाई के लिए एक अत्यंत वांछनीय पहल है भारत सरकार द्वारा NEP-2020 में भी इस तरह के प्रयासों को प्रोत्साहित करने का उल्लेख है ऐसे पिछड़े वर्ग के छात्रों को  अपने जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने का अवसर देने का प्रयास  हो रहा है। इस शिक्षा व्यवस्था के माध्यम से इन छात्रों को विभिन्न दरवाजे खोल कर उनके कैरियर के विकास को बढ़ावा देने का काम  हो रहा है।

शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे ना तो कोई चुरा सकता है और ना ही कोई छीन सकता। यह इतना बड़ा धन देने के लिए ही शिक्षित वर्ग ने अपनी व्यक्तिगत सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास करते हुए  अपना कीमती समय देकर प्रदेश के आर्थिक कमजोर छात्रों को जोड़ने की  एक नई मिसाल स्थायीत की है। वैसे तो हमारे देश में ज्योति बा फुले एवं उनकी धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले  से  पहले और उनके बाद  अनेक हस्तियां हमारे ऐतिहासिक  पथ प्रदर्शक हैं 

इस प्रयोजन में  केवल राज्य स्तरीय केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि NCERT का भी अभ्यासक्रम पढ़ाया जा रहा है। इस प्रकार उनके ज्ञान और आत्मविश्वासउ  बढ़ाते हुए उन्हें  और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास हो रहा है

आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से  कमजोर छात्रों को एक साथ लाकर उनके प्रति इतना विचार, प्रेम, छात्रों  के प्रति आस्था एक  उत्सव और अनमोल योगदान है। इस प्रकार हमारे छात्रों और इस प्रयोजन से जुड़ने वाले सभी छात्रों  को भी बहुत फायदा हो रहा है, इसका हमें विशेष आनंद है। विद्यार्थियों  के अनेक गुणों की अभ्व्यक्ति को यहां प्रोत्साहन  भी मिल रहा है। यही बात हमारे विद्यार्थियों को अपनी जिंदगी में कामयाबी के मार्ग पर आत्मविश्वास से  बढ़ने मैं सहायक होगी, यह हमें  विश्वास है।

अब बस जरूरत है विद्यार्थियों को कि वे मन लगाकर पढ़ें साथ  में  और अपना , और अपने देश का भविष्य उज्वल करें।

जय हिंद।

 

 

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