शेर और तीन बैल

दीपक लहरे 

 एक बार की बात है। तीन बैल आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे।

वे साथ मिलकर घास चरने जातें और बिना किसी राग-द्वेष के हर चीज आपस में बांटते थे। एक शेर काफी दिनों से उन तीनों के पीछे पड़ा था,लेकीन वह जानता था कि जब तक ये तीनों एकजुट हैं,तब तक वह उनका कुछ नहीं बिगड़ा सकता।

शेर ने उन तीनों को एक दुसरे से अलग करनें की चाल चली। उसने  बैलो के बारे में अफवाह उड़ानी शुरू कर दी। अफवाह सुनकर उन तीनों के बीच गलतफहमी पैदा हो गई।

धीरे-धीरे वे एक दुसरे से नफ़रत करने लगे। आखिर कार एक दिन उनमें झगड़ा हो गया और वे अलग-अलग रहने लगे। शेर के लिए यह बहुत अच्छा अवसर था। उसने इसका पूरा लाभ उठाया और एक-एक करके तीनों को उसने मार डाला और खा गया

 इससे हमें यह सीख मिलती है कि एकता में ही शक्ति होती है।

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