शिक्षक दिवस
वंश काळे
हम स्कुल रोज थे जाते
थे शिक्षक हमको पाठ पढ़ाते
बच्चों का दिल कोरा कागज
उस पर थे ज्ञान अमिट लिखवाते
पर अपकी बार शिक्षक दिवस पर
बिन शिक्षक के हम है ऐसे
बिना सुगंध फुल हो जैसे
कठिन समय कोरोना के
ये योद्धा बनकर आगे आए
भुलकर अपनी सब कठिनाई
मेहनत कर हमको पाठ पढ़ाये
मिलता अगर ना आपका सहारा
पूरा ना होता लक्ष्य हमारा
फिर से जब स्कूल खुलेंगे
आपसे ज्ञान के दिप मिलेंगे
गत शिक्षक दिवस पर आपको हार्दिक बधाई !
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