धार लिया जो इक बार
डॉ. संगीता पाहुजा
जो चाहो तुम प्राप्त करो,
जो इक बार हृदय में धारण करो |
नहीं रोक सकता कोई तुम्हें लक्ष्य पाने को,
जो हृदय से स्वीकार करो |
विश्वास खुद पर वअपने करतार पर करो
बढ़ गए, जब कदम लक्ष्य की ओर
व्वयधानों को, नज़रअन्दाज़ करो |
दृष्टि केंद्रित हो, जब लक्ष्य पर
नज़र साध, उसी राह पर चलो |
नहीं विचलित कर सकता कोई भी
स्थितप्रज्ञ को, लक्ष्य की ओर बढ़ने से
जो चाहो तुम प्राप्त करो.
जो इक बार हृदय में धारण करो |
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