तुम ही सहारा हो
भावना मिश्रा
मेरा बस एक तुम ही सहारा हो ,
सुख-दुख में तुम ही तारणहारा हो ।
तुम ही अन्तर्यामी, तुम ही जगतारण हो ,
तेरी महिमा अपरम्पार, तुम ही जगपालन है।
तेरे चरणों का धूल मिल जाय मुझे,
मेरे डूबती कस्ती का बस तू किनारा हो ।
कभी भी साथ नही छोड़ना प्रभु
मेरे जीवन का तुम ही उजाला हो ।
अब दर्शन दो प्रभु ,भावना पुकार रही हो ,
तुम मेरे मन मंदिर के भक्ति भावना की धारा हो ।
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