रचनात्मक कार्यों से राष्ट्र गौरवशाली होता है
2022 |
हमारे सामने है। 2019 में शुरू हुयी आपदा धीरे-धीरे खत्म होने को है। जीवन की सच्चाई है कि कठिन समय अधिक देर तक नहीं ठहरता है लेकिन कठोर लोग हमेशा बने रहते हैं। हमने कोरोना से लड़कर यह सिद्ध कर दिया है कि हम कठिन से कठिन आपदा से टक्कर लेने में सक्षम हैं।
प्रकृति भी उनको ही अपनाती है जो हर मौसम में हर प्रकार की कठिनाइयों को झेलकर खड़े रहते हैं। हमें याद रखना चाहिये कि ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां हमारे लिये पहले से ही मौजूद हैं। हमारा काम बस इतना है कि हम इनमें से अपने लिये उपयोगी को पहचान कर उनका सही प्रयोग करें। अगर हम अपनी आँखों पर हाँथ रखकर रोते रहें कि बहुत अंधेरा है तब हमें सूरज की रोशनी नहीं दिखायी देगी। अंधेरा हटाने के लिये हमें अपनी आंखें खोलनी होती हैं।
हर कोई चाहता है कि वह अपने जीवन की दौड़ में जीते, पर केवल इच्छा रखने मात्र से ऐसा नहीं होता है। जीतने के लिये, जीत की इच्छा के साथ-साथ, सफल होने की इच्छा और अपने पूर्ण सामर्थ्य से कार्य करने की जरूरत पड़ती हैं। जो व्यक्ति रचनात्मक सोच रखता है, वह अदृश्य को भी देख लेता है और असम्भव को भी पा लेता है। बड़ी-बड़ी खोजें और आविष्कार इन्हीं गुणों को अपनाने की वजह से हुये हैं। एक गणितज्ञ ने कहा कि हर दिन में 1440 मिनट होते हैं, इसका मतलब रोज हमारे पास रचनात्मक होने के 1440 अवसर हैं।
सफलता का मान्य सूत्र है : खुद के काम के प्रति ईमानदारी से लगाव रखना, सहायता करने वालों के प्रति आभारी रहना, दूसरों के कामों में मीन-मेख निकालना बंद करना, और दिल में ऐसा भाव रखना जो हमेशा उत्साहित करे।
गुलामी की बेड़ियों को काटकर स्वतंत्र होना, स्वतंत्र से गणतंत्र बनना, अपनी आजादी की रक्षा करते रहना, अपनी जरूरत की चीजों के उत्पादन में आत्मनिर्भर होना, सबकी जीविका और उनके पोषण की व्यवस्था करना, हर नागरिक तक आधारभूत सेवाओं को पहुंचाना, किसी भी प्राकृतिक आपदा से निबटने के लिये तैयार रहना, रचनात्मक कार्यों के कुछ उदाहरण हैं। रचनात्मक कार्यों से ही देश समृद्धिशाली होता है, ताकतवर होता है और दूसरों की मदद के लिये भी समर्थ होता है। रचनात्मक कार्य मुंह बजाने से नहीं होते हैं, पसीना बहाने और दूसरों की भलाई के लिये अपना व्यक्तिगत लाभ त्यागने से होते हैं।
हमारा मानना है कि एक समस्या के हजारों समाधान होते हैं लेकिन उन हजारों समाधानों में से किसी एक ऐसे समाधान को ढूंढना जिससे समस्या जड़ से खत्म हो जाये, एक रचनात्मक सोच वाला व्यक्ति ही करता है। आइये, वर्ष 2022 का स्वागत हम इस सोच के साथ करें कि हमारा हर कार्य, देश के गौरव को बढ़ाने वाला होगा। गौरवशाली राष्ट्र के नागरिक ही गौरवपूर्ण जीवन जीते हैं।
भारतवर्ष हमारे कार्यों से गौरवशाली बने, इसके लिये ईश्वर से हम सामर्थ्य-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं :
अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं, सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत!
अर्थात् हे ईश्वर हमें ऐसी अजेय शक्ति दीजिये कि सारे विश्व में हमें कोई जीत न सके और ऐसी नम्रता दीजिये कि पूरा विश्व हमारी विनयशीलता के सामने नतमस्तक हो जाये।
ज्ञान विज्ञान सरिता परिवार की तरफ से सभी पाठकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों, कर्मठ शिक्षक- शिक्षिकाओं और निःस्वार्थभाव से समाज की भलाई में लगे वरिष्ठ नागरिकों को, नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनायें।
जयहिंद!!
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