ज्ञान की देवी दो वरदान

(बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की आराधना में कुछ पक्तियां)

उर्मिला द्विवेदी

राष्ट्र  संस्कृति का हो संवर्धन

देशभक्ति का हो नित चिंतन

ज्ञान की देवी दो वरदान

जन जन को हम करें महान

 

हमसे हो कल्याण देश का

रहे ध्यान हर दीनबंधु का

ज्ञान की देवी दो वरदान

शिक्षा का हो अति सम्मान

 

विज्ञान चले हर घर द्वार

शिक्षा का ना हो व्यापार

ज्ञान की देवी दो वरदान

सबका हो हमसे सत्कार

 

उन्नति की चल पड़े बयार

भारत मां की हो जयकार

ज्ञान की देवी दो वरदान

भारतमय हो सब संसार

 

शिक्षा से वंचित ना हो कोई

अकिंचन भी ना हो कोई

ज्ञान की देवी दो वरदान

कीर्तिमान होवें सब कोई

 

मधुमास सा जीवन हो

आपस में सौहार्द्य भी हो

ज्ञान की देवी दो वरदान

देश हमारा बने महान

 

आत्मनिर्भरता हो हर ओर

जयभारत गूंजे चहुं ओर

ज्ञान की देवी दो वरदान

रहे अमंगल का ना ठौर

 





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