सार्थक प्रयास?
आनंद पासवान
सार्थक प्रयास क्यों सार्थक है? क्योंकि सार्थक प्रयास ऐसे प्रयास करता है जिससे कि ना केवल किसी एक व्यक्ति का उद्धार हो, परन्तु सार्थक प्रयास पूरे देश की प्रगति में अपना सहयोग देता है | इसका जीता जागता उदाहरण मैं खुद हूं और केवल मैं नहीं वे सभी विद्यार्थी है जिन का सार्थक प्रयास ने पढ़ाने लिखाने का भार अपने कंधों पर लिया है | मेरा नाम आनंद है और मैं वसुंधरा की सेक्टर 2 में स्थित झुग्गियों में रहता हूं | मेरे माता पिता लेबर का काम करते हैं और वह इतना नहीं कमा पाते कि मेरे और मेरे भाई बहनों की पढ़ाई का खर्चा उठा सकें| पर वे मुझे तो पढ़ना है , और कहते हैं कि “जहां चाह है , वहां राह है “| मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ | मुझे किसी के द्वारा पता चला सार्थक प्रयास एक ऐसी संस्था है जो बच्चों को पढ़ाती है | मैं सार्थक प्रयास से जुड़ा, मुझे सार्थक प्रयास से जुड़े हुए 7 साल हो गए | सार्थक प्रयास ना केवल मुझे पढ़ाता है मेरे स्कूल की फीस, कॉलेज की फीस मेरी सारी स्टेशनरी और मुझे कुछ भी, किसी भी चीज की जरूरत होती है तो सार्थक प्रयास उसे पूरा करता है |
सार्थक प्रयास केवल शिक्षा ही नहीं देता, वह हमारी संपूर्ण विकास में बहुत मदद करता है | जब हम देखते हैं कि सार्थक प्रयास में हमसे मिलने के लिए समाज के सम्मानित लोग आते हैं, तो उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |
सार्थक प्रयास हमारी खुशियों में अपनी खुशियां ढूंढता है | सार्थक प्रयास में हमारे जन्मदिन मनाए जाते हैं, जो हमने कभी भी नहीं मनाए | सार्थक प्रयास हमें अच्छी-अच्छी जगह पर घुमाने ले जाते हैं, जहां हम पहले कभी नहीं गए | ऐसी जगहों पर जाकर बहुत अच्छा अनुभव होता है ,और बहुत सारी नई बातें सीखने को मिलती हैं | सार्थक प्रयास हमें सारी सुविधाएं देता चाहे वह इंटरनेट की सुविधाओं हो या फिर बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखानी हो | सार्थक प्रयास हमें दिल्ली के आकाशवाणी में ले जाते हैं, और हमारी रेडियो पर प्रस्तुति आती है | इस तरह की गतिविधियों से एक तो उत्साह बढ़ता है और लगता है कि हम भी बहुत कुछ कर सकते हैं |
मुझे लगता है अगर आज सार्थक प्रयास नहीं होता तो शायद मैं इस काबिल ना हो पाता की जो आज मैं लिख रहा हूं वह भी नहीं लिख पाता | आज मैं बी.कॉम. द्वितीय वर्ष का छात्र हूं | अभी कुछ दिनों पहले की ही बात है, सार्थक प्रयास ने हमारे रोहित भैया के सपनों को पूरा किया है | उनका सपना था कि वह पढ़ लिख कर इंजीनियर बने सार्थक प्रयास ने उनके सपनों को पूरा करने में बहुत मदद की | वह सार्थक प्रयास से 8 क्लास से जुड़े थे |अभी कुछ दिन पहले ही, उन्होंने बी.टेक करके,. नोएडा की एक कंपनी में नौकरी हासिल की |
अगर सार्थक प्रयास नहीं होता तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता | सार्थक प्रयास ने ही मेरे सपनों को एक नई उड़ान दी है, और मेरे जैसे पता नहीं कितने आनंद के सपनों को एक नई उड़ान दी है | मैं समाज से यह जानना चाहता हूं कि “क्या यह सिर्फ सार्थक प्रयास की जिम्मेदारी है? क्या यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं हो सकती? अगर व्यक्ति अपने आसपास के इलाके में देखें तो उसे मेरे जैसे पता नहीं कितने आनंद दिखेंगे | तो क्या हम उन्हें शिक्षित नहीं कर सकते |”
सबसे बड़ी बात यह है कि सार्थक प्रयास ने हमें उन पुस्तकों से जोड़ा रखा जिनसे, हम फोन की वजह से, हम दूर होते जा रहे हैं | यह सब हो पाया है सार्थक प्रयास पुस्तकालय की वजह से | जब एक बच्चा झुग्गी-झोपड़ियों से निकल कर उस कमरे में जाता है जहां उसे चारों तरफ पुस्तके-ही-पुस्तकें दिखती हैं, जिसे जिनके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था, तो उसे ऐसा लगता है कि जैसे उसे किसी ने साक्षात सरस्वती की गोद में बिठा दिया है और वह अपनी मां से बोल रहा है |
सार्थक प्रयास की एक पुस्तकालय वसुंधरा में ,एक उत्तराखंड चौखुटिया में ,और एक केदार घाटी में है | अभी सार्थक प्रयास मेरे जैसे 60 बच्चों का वसुंधरा पुस्तकालय में शिक्षित कर रहे हैं और ऐसे ही चौखुटिया और केदार घाटी में सब का भरण पोषण कर रहे हैं मेरे लिए सार्थक प्रयास एक भगवान बन कर आया और मुझे इस काबिल बनाया कि मैं 4 लोगों में अपनी बात रख सकता हूं और अब मेरा एक सपना है जैसे मुझे सार्थक प्रयास में इस काबिल बनाया तो अब मेरा भी फर्ज बनता है मैं भी किसी ऐसे आनंद को ही उस काबिल बनाऊं जैसे मुझे सार्थक प्रयास ने बनाया अभी कुछ दिनों की बात है जो लोगडाउन था आज मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं कि जब सब अपने घर में करोना से बच कर बैठे थे तब सार्थक प्रयास नहीं होता तो शायद हमें खाने को ही ना मिलता सार्थक प्रयास ने लगातार 3 महीने तक हमें राशन दिया मैं एक बार पुनः सार्थक प्रयास का धन्यवाद करता हूं जिसने मुझे जिंदगी कैसे जीते हैं, और समाज में रहने लायक बनाया, और मेरे सपनों को एक नई उड़ान दी|
[ एक विध्यार्ती की अनुभूति जो सार्थक प्रयास, गैर-सरकारी समाजसेवी संस्था , से जुड़ा है | इसी सार्थक प्रयास से ज्ञान विज्ञान सरिता का प्रदुर्भाव एक दशक पूर्व ( माह मई , 2012 को ), एक छोटे से कमरे में, पारम्परिक पद्धति से साधन विहीन बच्चों के शैक्षणिक मार्गदर्शन से चालू हुआ था |]
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