लाचारी…

भावना मिश्रा

रामू दो दिन से भूखा है।उसकी माँ बीमार है,घर में कुछ भी खाने को नही है।रामू ढाबा में बर्तन साफ करता था, माँ के बीमार होने पर,माँ की देखभाल करने के कारण वह काम छोड़ दिया।

वह ढाबा पहुँचा और बोला मुझे काम दे, मुझे बहुत जरूरत है…

सब ने उसकी बात को अनसुना कर दिया।

वह प्लेट मे रखी  सब्जी रोटी लेकर भागने लगा, अरे ये क्या हो रहा है..?

सब उसे पकड़ने की कोशिश  करने लगे।

एक ने पकड़कर उसे बहुत पीटा खून बहने लगा।

उसे दुकान के मालिक के पास लाया गया।

मालिक - रामू तुम... क्या हुआ? तुमने चोरी क्यों  की ?

सब बोल रहे थे, ये लोग ऐसे ही होते है चोर…

रामू बोला - मेरी माँ बीमार है, मैंने  काम माँगा, किसी ने मुझे काम  नहीं दिया, मैं क्या करता, मेरी माँ दो दिन से भूखी है...

सब सुन अवाक  रह गये।

हमारे देश में ये बहुत बड़ी समस्या है, कोरोनो ने बहुत लोगों  को बेरोजगार और लाचार बना दिया है।

आप सब से आग्रह है कि कोई गरीब बच्चा दिखे तो उसे खाना अवश्य दे।

         

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