स्वतंत्रता से बड़ी नहीं कुछ

उर्मिला द्विवेदी

 

(पंद्रह अगस्त हमारा स्वतंत्रता दिवस है; इस दिन का महत्व बताती कुछ पंक्तियाँ)

 

स्वतंत्रता का अनुपम यह दिन

देशभक्त का पावन दिन है

राष्ट्रप्रेम का अद्भुत यह दिन

वीरों का मनभावन दिन है


याद गुलामी की आयी जब

शीश स्वतः झुक जाते हैं

बलिदानों की बात हुयी जब

ऊँचे मस्तक  हो जाते हैं

 

देश से ऊँचा होता नहीं कुछ

देशभक्त से बड़ा कोई

स्वतंत्रता से बड़ी नहीं कुछ

चीज यहां धरती पर कोई

 

चलो बढ़ायें भारत अपना

विश्वगुरू का हो सच सपना

हर कोई सम्मान बढाना

हर कोई यह देश बचाना

 

शुद्ध हवा हो शुद्ध नीर हो

आपस में हर प्रेमभाव हो

खुशियों की बौछार यहां हो

स्वतंत्रता का भाव यहां हो

 

मिलजुल अमर बनाये रखें

भारत भू की स्वतंत्रता को

दुश्मन से हम बचा के रखें

स्वर्णिम अपनी धन्य धरा को

 

उन्नति इतनी जल्दी कर गये

चीन इस्रायल और जापान

बने फिसडडी हम क्यों रह गये?

स्वाधीन जश्न पूछे यह प्रश्न

 

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