मैं हिन्दी हूँ
अंतर्राष्टीय दिवस (१० जनवरी )
भावना मिश्रा
मुझे तौलने की कोशिश ना कर, मैं हिन्दी हूँ,
हर क्षण, हर दिल की धड़कन में,मैं जिन्दा हूँ।
प्रत्येक भारतीय की वाणी में हूँ, मैं हिन्दी हूँ,
अपनापन हरदम लगता, भाव दिल को भाती हूँ।
मैं भारतीय की जान,आन बान शान हूँ ,मैं हिन्दी हूँ,
भारत की मिट्टी में,मैं जन्मी हूँ, उसका सम्मान हूँ।
अंग्रेजी से तौलो मत, अभिमान हूँ मैं हिन्दी हूँ।
मीठी बोली हूँ,हिन्दुस्तानी हूँ, मैं हिन्दी हूँ।
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