वंदना

उर्मिला द्विवेदी

(कुछ  पंक्तियां  ईश - वंदना के रूप में प्रस्तुत हैं)


हे मनभावन हे परमात्मन

हे ईश तुम्हारा अभिनंदन

 

तुमसे ही है सब कमलनयन

तुम्हीं जनार्दन तुम्हीं सुदर्शन

 

तुम से जीवन हो मनभावन

गहन ज्ञान तुमसे ही वामन

 

ब्रह्मांड तुम्हारा ठहरा आंगन

जग करता तेरा नित वंदन

 

तुमसे ही हम देवकी नंदन

तुमसे महके जग जस चंदन

 

ठहरे जग जग के तुम नंदन

तुम्हीं महाधन तुम आवर्तन

 

तुम भगवान तुम्हीं जगबंदन

हम करते तेरा आराधन

 

हे रघुनंदन हे मधुसूदन

हे क्षीर शयन हे शेष शयन

 

नष्ट करो सब कोविड कारन

कष्ट हरो सबके दुःख तारन

 

हम करें नमन हे पीतवसन

स्वीकारो वंदन हे जगपावन

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