वर्ल्ड लाफ्टर डे ( विश्व हास्य दिवस)
डॉ. संगीता पाहुजा
काश प्रसन्नता से मना पाते,
ये विश्व प्रसन्नता दिवस |
बहुत चाहा कि हँसी, ख़ुशी
फैला दूँ चहुँ ओर, आज के दिन |
किंतु चारों ओर फैला ये ,
कोरोना का आतंक, कर देता मुखस्तब्ध|
पूरा विश्व फंसा इस चक्र व्यूह में
नहीं आता कोई छोर नज़र
चारों ओर दिखाई देती बेबसी
संसाधनों की कमी से हुई दुर्गति |
चाह कर भी, जब दे न सके
मुश्किल में साथ किसी का
क्या वर्णन करें ऐसी मनोदशा का
चारों ओर फैला ये एकाकीपन
घर की चारदीवारी में व्यतीत होता सबका दिन |
धन्यवाद इन आधुनिक संसाधनों का
जो दूर रहकर भी, सबको जोड़ कर रखते |
एक दूसरे को शब्दों से बहलाने की कोशिश करते, मनोदशा को संतुलित करते |
इंसान का इंसान से हुआ फ़ासला
तो जाग उठा, हृदय में बसा परमात्मा
जुड़ जाओ सभी आध्यात्म से
नहीं इसके सिवा कोई, विपदा से निकलने का रास्ता
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