करदाता हैं हम
डॉ. संगीता पाहुजा
जन्म लिया इस धरा पर, तो कर देना शुरु किया|
जन्म का कर, मृत्यु का कर, जीवन यापन का कर|
शिक्षा का कर, दीक्षा का कर
प्रेम का कर, द्वेष का कर|
सभी सांसारिक सुखों का कर
आय का कर, व्यय का कर,
कर्मों का कर|
कर चुकाने ही आए, इस धरा पर
न कुछ लेकर आए थे , न कुछ लेकर जायेंगे|
कर और कर्ज का भुगतान ही है जीवन |
सदकर्मों की गठरी तू बाँध ले प्राणी, लेकर प्रभु का नाम |
सदकर्म ही काम आएगा,
कर और कर्ज से मुक्त होकर
आवागमन के चक्र से मुक्त हो जायेगा |
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