भगवान को पत्र

संतोष अडपावार 'सत्य'

भगवान जी,

साष्टांग प्रणाम👏👏

 

 मैंने कभी किसी को पत्र लिखा ही नहीं, आज मौका मिला  है वह भी भगवान जी को खत लिखने का, बहुत सुनहरा अवसर है। परंतु क्या लिखूँ खत में समझ नहीं पा रहा हूँ? क्योंकि मुझे बिन माँगे ही आपने सबकुछ दे दिया है कभी कुछ माँगने की जरूरत नहीं पड़ने दी। मेरे बिन माँगे ही जन्नत सी सुंदर दुनियाँ में मुझे अवतरित किया। इस सुंदर संसार को देखने और इस में जीने का मौका दिया। और क्या कहूँ?  क्योंकि आप तो सर्वेसर्वा हो। सारे जगत के पालनहार हो, सबके तारणहार हो । आप से संसार का कुछ भी अनभिज्ञ नहीं है। आप तो कण-कण में हो,जन- जन में हो। सबके अंतर्मन की गाथा, जीवन की व्यथा हर बात के ज्ञाता हो। मैं तो खत में सिर्फ यहीं लिखना चाहता हूँ कि आप मुझ को अपने इस सुंदर संसार में जन्म देकर, मेरा पालन-पोषण करके मुझे धन्य-धन्य कर दिया । यह अमूल्य जीवन देने के लिए धन्यवाद। इस सुंदर संसार में जन्म देने हेतु और इस संसार के प्रत्येक चीज का उपभोग करने लायक बनाया इस हेतु धन्यवाद । काम करने के सुदृढ़ दो हाथ, सुंदर संसार भ्रमण करने के लिए दो पाँव,संसार में सुंदरता देखने दो सुंदर आँखें, स्वस्थ कान-नाक, स्वस्थ दिल-दिमाग जो दिन-रात अनवरत कार्य करता है। यूँ कहें तो सुंदर,स्वस्थ और अनमोल शरीर देने के लिए धन्यवाद। अच्छे सुंदर,संस्कारों वाले माता-पिता के घर जन्म,कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले भाई-बहन, अच्छे सगे-संबंधी, जान वार देने वाले मित्र,हर सुख-दुःख में पग-पग पर साथ निभाने वाली संगिनी,आज्ञाकारी संतान और अब हिंददेश जैसा ज्ञानी,विदुषियों, संतों से भरा साहित्यिक परिवार, दुनियाँ भर के भाई-बहन इतना बड़ा समृद्ध परिवार दिया इसके लिए कोटी-कोटी धन्यवाद

दिन का हर पल उम्र भर भी आपका धन्यवाद करता रहूँ तो शायद कम ही हो। ऐसी अवस्था में आपसे कुछ और माँगू तो मुझ से बड़ा मूर्ख कोई ना होगा? आपने मुझे सब कुछ दिया जिससे मैं पूर्ण संतुष्ट हूँ ।👏👏

 प्रभु जी मुझे कुछ माँगने की जरूरत नहीं है । बस एक विनती करता हूँ  कि संसार के सभी प्राणी, पेड-पौधे,जीव-जंतु सबका कल्याण करों,सबका मंगल करो,जगत के हर दुःखियारे का दुःख दूर करों। सबके सपने साकार करों , सबकी सब मंगल कामनाएँ पूर्ण करों ।सबका जीवन सुखी आनंदी करो। सबके दिलों-दिमाग से ईर्ष्या, द्वेष, लालच,नफरत,वैर-भाव, दृष्टता और अन्य कुविचार निकाल कर निश्छल प्रेम, सद्भाव,मनुष्यत्व,परोपकार,सेवा, सहयोग और सुसंस्कार भर दो। सबकी कुमति को सुमति में बदल दो। सभी एक दूजे के सहयोगी बन कर आपने बनाएँ सुंदर संसार को स्वर्ग से सुंदर संसार बनाएँ । संसार में हँसी खुशी ही स्थापित हो,संसार खुशनुमा बन जाएँ । चहुँ ओर सिर्फ शांति,अमन और खुशहाली हो। ऐसा कुछ कर दो। यह मेरी छोटी सी विनती स्वीकार करों।

 

आपका बच्चा/बेटा

संतोष अडपावार सत्य


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