मेरा खारा समुंदर

विशाल सरीन

आज मैं लिखने जा रहा हूं एक ऐसे साथी के बारे में, जो हर व्यक्ति के साथ है। चाहे खुशी का आलम हो या गम का माहौल, वह हर हालत में आपका साथी रहता है। आज मैं बात कर रहा हूं अपने और आपके आंसुओं के बारे में। मशहूर शायर कुमार विश्वास ने सही कहा है कि:-

यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !

जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!

Pool Of Tears Greeting Card featuring the painting Pool of Tears by Jaz Higginsकुछ लोग अपने इन आंसुओं को कभी किसी के सामने नहीं लाना चाहते। क्योंकि समाज के आईने में, रोने वाले को कमज़ोर  का दर्जा दिया जाता है। ऐसे लोग अपने दिल को आमूमन मजबूत बनाते हैं जिससे उनकी आँखें नम न हो, और उनके दिल का दर्द किसी और के सामने जाहिर ना हो। कुछ लोग अपने आंसुओं को रोकने के लिए अपनी जबान पर खुद ही काट लेते हैं। जबान पर काटने के दर्द से आंखों का पानी, समंदर में ही रह जाता है। उभरता दर्द नजर नहीं आता है। यह भी एक नजरिया है जिन्दगी जीने का।

कहते हैं कि आंसू मन को हल्का करने में भी बहुत कारगर होते है। बहेगा आँसूं तो बहेगा दर्द। कितना भी दर्द हो, रह-रह कर आंसुओं में बहता है। कभी-कभी रोते हुए, आंखें इतनी सूख जाती है कि सारी दुनिया वीरान सी लगने लगती है।

 

अंधेरों में जहां, अपना साया भी साथ ना दे,

फीकी सी जिंदगी को, नमकीन बना जाते हैं।

 

थोड़ा सा हुनर मैं भी जानता हूं, इन को छिपाने का

फिर भी मुए धीरे से खिसक कर, गालों को सहला जाते हैं।

 

कैसा भी गम हो, या कि हो खुशी में बजती हुई शहनाई

वो सच्चे दोस्त के मानिंद, आंखों में समा जाते हैं।

 

कभी सबक, तो कभी सबब भी है यह

कभी तूफान--समंदर को भी, खुद ही में छिपाते हैं।

 

बिन बुलाए मेहमान से, हो गए हैं मेरे आंसू

याद अपनों की आती है, दीदार इनके हो जाते हैं।

 

मैं  परम पिता परमात्मा से यही  प्रार्थना करता हूं कि अगर कभी किसी की भी आंखें नम हो, तो वह खुशी के ही आंसू हो। कभी किसी को ग़म की परछाइयों से होकर ना गुजरना पड़े और हर इंसान जिंदगी के रंगों की खुशी में सरोबार रहे। आमीन।

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