भगोना 2 घंटा से चुल्हा पर…
भावना मिश्रा
भगोना 2 घंटा से चुल्हा पर चढा हुआ है,परन्तु अभी तक चावल नही बना है।
श्यामू बोला -- " माँ माँ बहुत जोड़ से भूख लगी है,खाना दो ना, जल्दी खाना दो ना।"
रीता बोली -- "थोड़ी देर रूको...
अभी और समय लगेगा चावल बनने में।"
इतने में श्यामू भूख के मारे रोने लगा,माँ के आँख से भी आँसू निकलने लगे। सोचने लगी -- इस बार कोराना के कारण सब कुछ बंद था और सही समय पर खेत में फसल नही बोया गया। बाढ़ के कारण जो भी फसल हुआ,सब तहस- नहस हो गया।कोरोना के वजह से श्यामू के पापा को घर बैठना पड़ा और मजदूरी भी नहीं मिली ।
आखिर किसी तरह 10% ब्याज पर उधार लेकर खेती किये श्यामू के पापा,अब उसका कर्ज कैसे चुकायेगे?
श्यामू के पापा उधार अन्न लाने दुकान गये है पर अभी तक नहीं आये है।इतने में श्यामू चिल्ला- चिल्लाकर रोने लगा,बहन रीता कितना भी मनाने की कोशिश की, वह नहीं चुप हुआऔर गुस्से से चुल्हा पर चढा भगौना को टक्कर मार दिया....
ये क्या ? भगौना नीचे गिर गया और ये क्या? चावल तो है ही नही सिर्फ पानी ....
चावल तो नहीं सिर्फ पानी...
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