कलम एक तोहफा
डॉ. संगीता पाहूजा
कलम एक अद्भुत तोहफा है प्रकृति का।
चलाओ तब ,जब लेखनी बने ताकत किसी की।।
चलाओ तब जब हर शब्द उमंग और उत्साह जगा दे मन में।
चलाओ इस तरह की,प्रत्येक शब्द सकूं बन कर उतरे ह्रदय में।
खरी साबित हो सत्यता की कसौटी पर।
चलाओ कलम ज्ञान का वितरक बनकर।
चलाओ कलम एक बेहतर नवयुग का आग़ाज़ बनकर।
चलाओ इस तरह कि,कुछ करने का उत्साह जाग उठे।
चलाओ इस तरह कि आशाओं के दीप जल उठे।
चलाओ इस तरह कि किसी की प्रेरणा बन जाएं।
चलाओ इस तरह कि रहें न रहें सदा लेख में जीवित रहें।
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